राजस्थान में इन दिनों भीषण गर्मी ने आम जनजीवन को बेहाल कर दिया है। राज्य के श्रीगंगानगर में पारा 48 डिग्री सेल्सियस पार कर गया, जबकि जयपुर में भी 44–45°C के बीच तापमान बना हुआ है । मानसून ने प्रवेश तो किया था, लेकिन उसे कुछ ही दिनों में ठहरने वाली गतिविधियों ने पूरी तरह से रोक दिया है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने पश्चिमी राजस्थान और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में आगामी दो से तीन दिनों के लिए लाल और नारंगी अलर्ट जारी किए हैं । लगातार तेज धूप, लू और उमस ने लोगों के स्वास्थ्य को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है और चेताया भी जा रहा है कि खासतौर से दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचा जाए ।
इस भीषण गर्मी की वजह मुख्य रूप से तमाम क्षेत्रों में मानसून की देरी और कमजोर पड़ना, साथ ही ध्रुवीय चक्रवातीय प्रणाली की वजह से पश्चिमी ठंड हवाओं का रुक जाना है। राजस्थान में गर्मी की यह लहर 21वीं सदी के सबसे गंभीर घटनाक्रमों में गिनी जा रही है। IMD ने बताया है कि तापमान में थोड़ी राहत 14–15 जून तक मिलने की उम्मीद है, क्योंकि प्री-मानसून की बौछारों और आंधियों का सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय हो सकता है उधर, जयपुर में आज सुबह रिकार्डतोड़ रात का तापमान दर्ज किया गया, जो पिछले पांच वर्षों का उच्चतम है ।
आने वाले दिनों में राहत की झलक सामने आती दिख रही है: IMD के मुताबिक, 15 जून के आसपास पूर्वी राजस्थान में गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो सकती है, जिससे तापमान में 2–4°C की गिरावट देखने को मिल सकती है । दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी महाराष्ट्र से आगे नहीं बढ़ पाया है, पर मौसम में उत्पन्न परिसंचरण प्रणाली के चलते उसके सक्रिय होने की संभावनाएं बन रही हैं । इस गर्मी की लहर ने न केवल स्वास्थ्य को प्रभावित किया है, बल्कि बिजली आपूर्ति पर भी दबाव बढ़ा दिया है, जिससे राज्यवासियों को और समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
राजस्थानवासियों से अपील की जा रही है कि वे पानी की अधिक मात्रा में खपत करें, दोपहर के वक्त बाहर निकलने से बचें और अपने और बुजुर्गों—विशेषकर बच्चों—का विशेष ध्यान रखें। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से कर्फ्यू जैसे हालात, स्वास्थ्य शिविर तथा कोल्ड ड्रिंक और पानी की मुफ्त व्यवस्था जैसे कदम उठाए गए हैं । वहीं चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेताया है कि अधिक समय तक ऐसी तीव्र गर्मी के संपर्क में रहने से हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है।
मौसम विभाग जल्द मानसून की बारिश की उम्मीद है, जिससे किसानों को फसल की सिंचाई में मदद मिलेगी और पानी की किल्लत में थोड़ी राहत आएगी। हालांकि अभी गर्मी का कहर जारी है, लेकिन 15–16 जून के आसपास स्थितियों में सुधार की संभावनाएं हैं, जिससे राज्यवासियों के चेहरे पर एक बार फिर मुस्कान लौट सकती है।
