राजस्थान की जलवायु (Climatic Condition) भारत की सबसे विषम और चरम जलवायु वाली परिस्थितियों में से एक मानी जाती है। यह राज्य भौगोलिक दृष्टि से बड़ा है, और इसके विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु में काफी भिन्नता देखने को मिलती है। नीचे राजस्थान की जलवायु, वर्षा प्रणाली (Rainfall System), और इसके विभिन्न पहलुओं का विस्तृत विवरण हिंदी में प्रस्तुत है:
🌡️ राजस्थान की जलवायु की विशेषताएँ:
1. शुष्क और अर्द्ध-शुष्क जलवायु (Arid & Semi-Arid Climate):
- राजस्थान का अधिकांश भाग थार मरुस्थल से प्रभावित है, जहाँ शुष्क जलवायु पाई जाती है।
- पश्चिमी राजस्थान (जैसे बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर) में अत्यंत शुष्क और वर्षा की मात्रा बहुत कम होती है।
2. विविध जलवायु क्षेत्र:
क्षेत्र | जलवायु प्रकार |
---|---|
पश्चिमी राजस्थान | अत्यंत शुष्क (extremely arid) |
मध्य राजस्थान | अर्द्ध-शुष्क (semi-arid) |
दक्षिण-पूर्वी राजस्थान (कोटा, बारां) | आर्द्र व उष्णकटिबंधीय |
☀️ तापमान प्रणाली:
- गर्मियों में तापमान 45°C से ऊपर चला जाता है।
- जैसलमेर और बीकानेर भारत के सबसे गरम शहरों में गिने जाते हैं।
- सर्दियों में, खासकर सीकर, झुंझुनूं, चूरू में तापमान 0°C तक गिर जाता है।
🌧️ वर्षा प्रणाली (Rainfall System in Rajasthan):
1. मानसून का आगमन:
- राजस्थान में मानसून का प्रवेश आमतौर पर दक्षिण-पूर्व से होता है।
- मानसून मध्य जून से जुलाई के पहले सप्ताह तक प्रवेश करता है और सितंबर तक सक्रिय रहता है।
2. वर्षा की औसत मात्रा:
क्षेत्र | औसत वार्षिक वर्षा |
---|---|
पश्चिमी राजस्थान (जैसलमेर, बाड़मेर) | 100–250 मिमी |
मध्य राजस्थान (जयपुर, अजमेर) | 400–600 मिमी |
दक्षिणी राजस्थान (उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर) | 700–1200 मिमी |
पूर्वी राजस्थान (कोटा, बारां, झालावाड़) | 800–1200 मिमी |
3. वर्षा का प्रकार:
- दक्षिण-पश्चिम मानसून के द्वारा अधिकतर वर्षा होती है।
- कुछ हिस्सों में प्री-मॉनसून वर्षा और पश्चात-मॉनसून वर्षा भी होती है।
- अचानक तेज़ बारिश (Cloudburst) के कारण बाढ़ की स्थिति भी बन जाती है।
🌪️ अन्य जलवायु प्रभाव:
🔸 धूल भरी आंधियाँ:
- मई-जून में राजस्थान में लू (लू का प्रभाव) और धूल भरी आंधियाँ आम होती हैं।
- ये फसलों और पशुओं को क्षति पहुंचाती हैं।
🔸 सूखा (Drought):
- वर्षा की अनियमितता और कम मात्रा के कारण लगातार सूखे की स्थिति रहती है।
- राजस्थान भारत का सबसे अधिक सूखा प्रभावित राज्य माना जाता है।
🌾 जलवायु का कृषि पर प्रभाव:
जलवायु स्थिति | प्रभाव |
---|---|
कम वर्षा | खरीफ फसलें (बाजरा, मूंग) सीमित रहती हैं |
अधिक तापमान | जल वाष्पीकरण तेजी से होता है, सिंचाई की ज़रूरत बढ़ती है |
सूखा | फसलें असफल, पशुपालन पर भी असर |
🛡️ जलवायु अनुकूलन हेतु उपाय:
- जल संचयन तकनीक (तलाई, खेत तालाब)
- सूखा प्रतिरोधी फसलें (बाजरा, ग्वार, मूंग)
- मृदा परीक्षण और उर्वरक प्रबंधन
- फसल बीमा योजना का लाभ लेना
- माइक्रो-इरिगेशन (ड्रिप, स्प्रिंकलर)
✅ निष्कर्ष:
राजस्थान की जलवायु कठोर जरूर है, लेकिन सही तकनीकी उपायों और सरकारी योजनाओं के सहयोग से किसान इस वातावरण में भी सफल कृषि और पशुपालन कर सकते हैं।