यहाँ पर केंद्र सरकार और राजस्थान राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही सभी प्रमुख योजनाओं की सूची हिंदी में दी गई है। प्रत्येक योजना के अंतर्गत उद्देश्य, लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया का सारांश भी शामिल है।
केंद्र सरकार की प्रमुख किसान योजनाएं (भारत सरकार)
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN)
- लाभ: हर वर्ष ₹6000 तीन किस्तों में सीधे खाते में
- पात्रता: छोटे और सीमांत किसान
- आवेदन: CSC या pmkisan.gov.in
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
- लाभ: प्राकृतिक आपदा, सूखा, अतिवृष्टि से फसल नुकसान पर बीमा
- बीमा प्रीमियम: खरीफ – 2%, रबी – 1.5%, बागवानी – 5%
- आवेदन: बैंकों या ऑनलाइन पोर्टल से
3. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना
- लाभ: बिना गारंटी 3-5 लाख तक का ऋण, ब्याज में सब्सिडी
- पात्रता: सभी किसान
- आवेदन: नजदीकी बैंक शाखा या https://pmkisan.gov.in
4. ई-नाम योजना (e-NAM)
- लाभ: फसल की ऑनलाइन मंडी में बिक्री, देशभर में व्यापारी जुड़ाव
- पोर्टल: www.enam.gov.in
5. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)
- लाभ: सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप, स्प्रिंकलर) पर अनुदान
- अधीन योजना: “हर खेत को पानी” अभियान
- आवेदन: कृषि विभाग के माध्यम से
6. सॉयल हेल्थ कार्ड योजना
- लाभ: खेत की मिट्टी की जांच और रिपोर्ट कार्ड
- लक्ष्य: उर्वरक का वैज्ञानिक उपयोग
- आवेदन: कृषि विभाग के माध्यम से
7. राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (NAM)
- लाभ: सभी मंडियों को एकीकृत कर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म
- लक्ष्य: बेहतर मूल्य और पारदर्शिता
8. परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
- लाभ: जैविक खेती को बढ़ावा देना
- सहायता: इनपुट लागत पर सब्सिडी
🏵️ राजस्थान सरकार की प्रमुख किसान योजनाएं
1. मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना
- लाभ: प्राकृतिक आपदा से मृत्यु पर ₹5 लाख तक सहायता
- पात्रता: 18-75 वर्ष के किसान
- पंजीकरण: ई-मित्र या कृषि विभाग से
2. राजस्थान किसान ऋण माफी योजना
- लाभ: सहकारी बैंकों से लिए गए ऋण की माफी
- पात्रता: लघु एवं सीमांत किसान
3. मुख्यमंत्री निःशुल्क खाद बीज वितरण योजना
- लाभ: बीपीएल किसानों को बीज व खाद निःशुल्क
- पात्रता: सीमांत किसान
- आवेदन: ग्राम सेवक या कृषि विभाग
4. राजस्थान कृषि यंत्र अनुदान योजना
- लाभ: ट्रैक्टर, थ्रेसर, सीड ड्रिल, स्प्रेयर आदि पर 40–60% तक सब्सिडी
- आवेदन: राजकृषि पोर्टल
5. मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान
- लाभ: खेत तालाब, जल संरक्षण हेतु सहायता
- उद्देश्य: जल संचयन, सूखा समाधान
6. फसल सहायता योजना (राजस्थान)
- लाभ: प्राकृतिक आपदा में बीमा के अतिरिक्त सहायता
- स्वचालित लाभ: भू-लेख व फसल गिरदावरी के आधार पर
7. पशुधन बीमा योजना
- लाभ: गाय, भैंस, बकरी आदि पशुओं का बीमा
- अनुदान: प्रीमियम पर 50–70% सब्सिडी
8. खेती के लिए सोलर पंप योजना (PM Kusum योजना)
- लाभ: सौर पंप पर 60–90% अनुदान
- साझा योजना: केंद्र + राज्य सरकार
- आवेदन: rreclmis.energy.rajasthan.gov.in
📲 आवेदन कहां करें?
माध्यम | उपयोग के लिए |
---|---|
ई-मित्र केंद्र | राजस्थान सरकार की योजनाएं |
कृषि विभाग पोर्टल | www.rajasthankrishi.gov.in |
केंद्र पोर्टल | pmkisan.gov.in, agricoop.gov.in |
जिला कृषि अधिकारी कार्यालय | किसी भी योजना की जानकारी या मदद के लिए |

POND SCHEME
खेत तलाई
उद्देश्य
- वर्षा के पानी को इकठ्ठा कर सिंचाई के काम में लेने के लिए।
देय अनुदान
- अ.जा, अ.ज.जा, लघु एवं सिमान्त कृषकों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73,500/- रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 90 प्रतिशत या 1,35,000/- रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर तथा अन्य श्रेणी कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 63,000/- रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 80 प्रतिशत या 1,20,000/- रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर जो भी कम हो, अनुदान देय है।
- न्यूनतम 400 घनमीटर क्षमता की खेत तलाई पर ही अनुदान देय।
पात्रता
- कृषक के स्वयं के नाम एक स्थान पर न्यूनतम कृषि योग्य भूमि 0.3 हैक्टेयर एवं संयुक्त खातेदार की स्थिति में एक स्थान पर न्यूनतम भूमि 0.3 हैक्टेयर हो ।
आवेदन प्रक्रिया
- कृषक स्वयं राज किसान साथी पोर्टल पर लॉगिन कर या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन करा सकेगा।
- आवेदक आवेदन पत्र ऑन-लाईन जमा किये जानें की प्राप्ति रसीद ऑन-लाईन ही प्राप्त कर सकेगा।
- आवेदन पत्र के समय आवश्यक दस्तावेज- आधार कार्ड / जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (छः माह से अधिक पुरानी नही हो)
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- आवेदन के बाद कृषि विभाग द्वारा खेत तलाई निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी।
- इसकी सूचना मोबाइल सन्देश / कृषि पर्यवेक्षक के जरिये मिलेगी।
- खेत तलाई के निर्माण से पहले व बाद में विभाग द्वारा मौका निरीक्षण / सत्यापन किया जाएगा।
- अनुदान राशि सीधे कृषक के बैंक के खाते में जमा होगी ।
वैधता
- चालू वित्तीय वर्ष

WIRE FENSING
खेतों की तारबंदी
आवेदन करने के लिए यहाॅ क्लिक करें
उद्देश्य:
- नीलगाय व निराश्रित पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए।
अनुदान:
- कृषकों को 400 रंनिग मीटर तक तारबन्दी स्थापित करने पर लघु एवं सीमान्त कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रूपये 48000/- जो भी कम हो एवं सामान्य कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रूपये 40000/- जो भी कम हो, अनुदान देय होगा ।सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टेयर में तारबंदी किये जाने पर लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 56000/- जो भी कम हो परिधि पर तारबंदी की जाती है तो प्रोरेटा बेसिस पर अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है। प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय होगा।
पात्रता:
- इस योजना का लाभ सभी श्रेणी के कृषकों को दिया जायेगा।
- व्यक्तिगत एवं कृषक समूह में आवेदन कर्ता के पास न्यूनतम 1.5 हैक्टर भूमि एक ही स्थान पर होना आवष्यक है।
- अनुसूचित जन जाति क्षेत्रों में जोत का आकार कम होने के कारण न्यूनतम 0.5 हैक्टर भूमि एक ही स्थान पर होना आवष्यक है।
- सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टेयर भूमि तथा समूह की भूमि की सीमाये निधारित पेरीफेरी में होना आवष्यक है।
वैधता:
- चालू वित्तीय वर्ष
आवेदन प्रक्रिया:
- कृषक राज किसान साथी पोर्टल पर जनआधार के माध्यम से स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकेगा।
- आवेदक आवेदन पत्र आन-लाईन जमा किये जानें की प्राप्ति रसीद आन-लाईन ही प्राप्त कर सकेगा।
- आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज, आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (छः माह से अधिक पुरानी नहीं हो), बैंक खाते सम्बन्धित विवरण।
अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु:
- जिन कृषकों के जनआधार पर लघु एवं सीमान्त कृषक श्रेणी में पंजीयन (सिडिंग) है उनको ही लघु एवं सीमान्त कृषक मानते हुए अनुदान के लिए पात्र समझा जावे । यदि जनाधार मे लघु/सीमान्त कृषक के पंजीयन की सुविधा नहीं होए तो ऐसी स्थिति में कृषकों को आवेदन के समय सक्षम स्तर से जारी लघु/सीमान्त का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
- आवेदन के उपरान्त कृषि विभाग द्वारा तारबंदी स्थापना के लिए प्रषासनिक स्वीकृति जारी की जायेगी।इसकी सूचना मोबाईल संदेष/कृषि पर्यवेक्षक के द्वारा प्राप्त होगी ।
- तारबन्दी किये जानें से पूर्व व कार्य पूर्ण होने पर विभाग द्वारा मौका/सत्यापन व जियोटेगिंग अनुदान राशि सीधे कृषक के खाते में जमा होगी।