यहाँ भारत और विशेष रूप से राजस्थान में पशुपालन से जुड़ी जानकारी को केवल हिंदी शब्दों में, सरल और सुव्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया गया है —
🐄 1. गौ पालन (दुग्ध गाय पालन)
प्रमुख देशी नस्लें:
नस्ल | मूल स्थान | औसत दूध उत्पादन |
---|---|---|
गिर | गुजरात | 12–20 लीटर/दिन |
साहिवाल | पंजाब | 8–15 लीटर/दिन |
राठी | राजस्थान (बीकानेर, नागौर) | 6–12 लीटर/दिन |
थरपारकर | राजस्थान (जैसलमेर) | 8–14 लीटर/दिन |
हरियाणा | हरियाणा | 6–10 लीटर/दिन |
आम बीमारियाँ:
- खुरपका–मुंहपका
- ब्रूसेलोसिस
- थनैला
- थाइलरियोसिस
- पिस्सू से होने वाला बुखार
रोकथाम व प्रबंधन:
- नियमित टीकाकरण (खुरपका, गलघोटू, ब्रूसेला)
- पशु व गोठ की सफाई
- बीमार पशु को अलग रखना
- पशु चिकित्सक द्वारा दवा उपचार
सरकारी योजनाएँ:
- राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम
- राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम – मुफ्त टीकाकरण
- राजस्थान गोपाल योजना – दुग्ध उत्पादन हेतु सहायता
🐃 2. भैंस पालन
प्रमुख नस्लें:
नस्ल | मूल स्थान | औसत दूध उत्पादन |
---|---|---|
मुर्राह | हरियाणा, पंजाब | 10–18 लीटर/दिन |
जाफराबादी | गुजरात | 8–12 लीटर/दिन |
मेहसाना | गुजरात | 8–10 लीटर/दिन |
नागपुरी | महाराष्ट्र | 6–8 लीटर/दिन |
आम बीमारियाँ:
- थनैला
- खुरपका
- ब्रूसेलोसिस
- थन सड़ना
- गलघोटू
उपचार व प्रबंधन:
- स्वच्छ दुहन पद्धति
- नियमित कीड़े मारने की दवा (कृमिनाशक)
- संतुलित आहार और कैल्शियम पूरक
सरकारी योजनाएँ:
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन – नस्ल संरक्षण
- डेयरी उद्यमिता विकास योजना – डेयरी यूनिट हेतु सब्सिडी
🐐 3. बकरी पालन
प्रमुख नस्लें:
नस्ल | मूल स्थान | औसत दूध उत्पादन |
---|---|---|
सिरोही | राजस्थान | 1–2 लीटर/दिन |
जमुनापरी | उत्तर प्रदेश | 2–3 लीटर/दिन |
बरबरी | उत्तर प्रदेश | 1–2 लीटर/दिन |
बीटल | पंजाब | 1.5 लीटर/दिन |
आम बीमारियाँ:
- पी.पी.आर. (बकरी प्लेग)
- खुरपका
- बकरी चेचक
- पेट के कीड़े
- फेफड़ों का संक्रमण
टीकाकरण व देखभाल:
- पी.पी.आर. टीका साल में एक बार
- कृमिनाशन हर 3–4 माह में
- मल्टीविटामिन और खनिज पूरक
सरकारी योजनाएँ:
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन
- राजस्थान बकरी पालन सब्सिडी योजना (अनुसूचित जाति/जनजाति हेतु विशेष सहायता)
🐏 4. भेड़ पालन
प्रमुख नस्लें:
नस्ल | मूल स्थान | उपयोग |
---|---|---|
मालपुरी | राजस्थान | ऊन और मांस |
चिक्का | तमिलनाडु | मांस |
पाटनवारी | गुजरात | ऊन |
मुज़ाफ्फरनगरी | उत्तर प्रदेश | ऊन व मांस |
आम बीमारियाँ:
- पी.पी.आर.
- भेड़ चेचक
- पैर सड़न
- पेट के कीड़े
रोकथाम:
- पी.पी.आर. टीकाकरण
- पैरों की नियमित सफाई
- कृमिनाशक दवा
सरकारी योजनाएँ:
- राजस्थान भेड़ विकास योजना
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन
🐓 5. मुर्गी पालन
प्रमुख नस्लें:
नस्ल | उपयोग | अंडे/वजन |
---|---|---|
कड़कनाथ | मांस | 1.5–2 किलो (6 माह) |
ग्रामीण नस्ल | अंडा/मांस | 150–200 अंडे/वर्ष |
लेयर | अंडा | 280–300 अंडे/वर्ष |
ब्रॉयलर | मांस | 1.5–2 किलो (40 दिन) |
आम बीमारियाँ:
- रानीखेत रोग
- आई.बी.एच.
- गंबोरो रोग
- सी.आर.डी. (श्वसन रोग)
टीकाकरण व देखभाल:
- रानीखेत – 7वें दिन
- गंबोरो – 14वें दिन
- रोग नियंत्रण हेतु स्वच्छता व औषधि
सरकारी योजनाएँ:
- पोल्ट्री उद्यम पूंजी योजना
- बैकयार्ड पोल्ट्री योजना (राजस्थान)
📌 राजस्थान में विशेष योजनाएँ
योजना | विवरण |
---|---|
राष्ट्रीय पशुधन मिशन | सभी पशुधन हेतु ऋण व सब्सिडी |
राजस्थान डेयरी विकास योजना | दुग्ध उत्पादन हेतु सहायता |
पशु टीकाकरण कार्यक्रम | मुफ्त टीकाकरण शिविर (खुरपका, ब्रूसेला) |
कृषि पशुधन बीमा योजना | मृत्यु/बीमारी से बीमा सुरक्षा |
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना | मत्स्य पालन हेतु सहायता |
✅ निष्कर्ष
राजस्थान में गौ पालन, भैंस पालन, बकरी पालन, भेड़ पालन और मुर्गी पालन किसान की आय बढ़ाने के बड़े साधन हैं।
सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसान ऋण, बीमा, प्रशिक्षण, टीकाकरण और सब्सिडी का लाभ लेकर अपने पशुपालन व्यवसाय को लाभकारी बना सकते हैं।