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राजस्थान का मौसम, जलवायु क्षेत्र और वर्षा वितरण

राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जो भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत विविध जलवायु वाले क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहाँ का मौसम मुख्य रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क है, परन्तु कुछ भागों में आर्द्र और पर्वतीय जलवायु भी पाई जाती है। राजस्थान की जलवायु को समझने के लिए हमें पूरे भारत के जलवायु क्षेत्रों की पृष्ठभूमि भी देखनी होती है।


भारत के प्रमुख जलवायु क्षेत्र

भारत को जलवायु के आधार पर पाँच मुख्य क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है —

  1. उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु – दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में, जहाँ वर्ष भर नमी और अधिक वर्षा होती है।
  2. उष्णकटिबंधीय शुष्क जलवायु – राजस्थान, गुजरात और दक्षिणी पंजाब-हरियाणा के शुष्क क्षेत्र।
  3. उष्णकटिबंधीय अर्ध-शुष्क जलवायु – मध्य भारत के कुछ हिस्से, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, और राजस्थान का पूर्वी भाग।
  4. उष्णकटिबंधीय आर्द्र एवं शुष्क जलवायु – महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक के कुछ क्षेत्र।
  5. पर्वतीय शीत जलवायु – हिमालय और उससे सटे पर्वतीय राज्य।

राजस्थान के जलवायु क्षेत्र

राजस्थान को मौसम और वर्षा के आधार पर चार प्रमुख जलवायु क्षेत्रों में बाँटा गया है —

  1. शुष्क पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र
    • स्थान: जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर का पश्चिमी भाग
    • विशेषता: वर्षा अत्यंत कम, अधिकतम 100–200 मि.मी.
    • तापमान: ग्रीष्म में 45–50° तक, शीत में 4–5° तक गिरावट
    • हवा: गर्म लू और धूल भरी आँधी
  2. अर्ध-शुष्क क्षेत्र
    • स्थान: नागौर, पाली, अजमेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, जोधपुर का पूर्वी भाग
    • वर्षा: 300–500 मि.मी.
    • खेती: बाजरा, ग्वार, चना, सरसों जैसी फसलें
    • तापमान: गर्मियों में अधिक, पर लू अपेक्षाकृत कम
  3. अर्ध-आर्द्र पूर्वी क्षेत्र
    • स्थान: कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी, टोंक, भीलवाड़ा का दक्षिणी भाग
    • वर्षा: 600–1000 मि.मी.
    • खेती: धान, गेहूं, सोयाबीन, गन्ना
    • जलवायु: वर्षा ऋतु में नमी, ग्रीष्म ऋतु में तापमान मध्यम से अधिक
  4. पर्वतीय एवं आर्द्र क्षेत्र
    • स्थान: सिरोही, उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, माउंट आबू
    • वर्षा: 1000–1500 मि.मी.
    • जलवायु: ठंडी और आर्द्र, वर्षा ऋतु में घना वनस्पति आवरण

राजस्थान में वर्षा का वितरण

राजस्थान में वर्षा का मुख्य स्रोत दक्षिण-पश्चिमी मानसून है, जो जून के अंत से सितंबर तक सक्रिय रहता है। यहाँ वर्षा वितरण में अत्यधिक असमानता है —

  • पश्चिमी मरुस्थलीय भाग (जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर): 100–200 मि.मी.
  • मध्य भाग (नागौर, पाली, अजमेर, सीकर, झुंझुनूं): 300–500 मि.मी.
  • पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी भाग (कोटा, बारां, झालावाड़, बूंदी): 600–1000 मि.मी.
  • दक्षिणी अरावली क्षेत्र (उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, माउंट आबू): 1000–1500 मि.मी.

सबसे अधिक वर्षा माउंट आबू और बांसवाड़ा जिले में होती है, जबकि सबसे कम वर्षा जैसलमेर जिले में दर्ज होती है।


निष्कर्ष

राजस्थान का मौसम मुख्य रूप से शुष्क है, परंतु दक्षिणी और अरावली पर्वतीय क्षेत्रों में आर्द्रता और अधिक वर्षा पाई जाती है। यहाँ की जलवायु और वर्षा वितरण सीधे तौर पर फसलों, पशुपालन और जल संसाधन प्रबंधन को प्रभावित करते हैं। इस कारण से राजस्थान में सिंचाई परियोजनाओं, वर्षा जल संचयन और फसल चयन में जलवायु का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।

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